नजर चाहती है दीदार करना,
दिल चाहता है प्यार करना
क्या बताये इस दिल का आलम
नसीब मे लिखा हे इतजार करना।
दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता,
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता,
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में,
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता।
मैंने कभी किसी को आज़माया नही,
जितना प्यार दिया उतना कभी पाया नही,
किसी को हमारी भी कमी महसूस हो,
शायद खूदा ने मुझे ऐसा बनाया नहीं।
हुस्न में नाज था नजाकत थी,
इश्क में अहसास था शराफत थी,
वो जमाने भी क्या जमाने थे,
प्यार करना भी एक इबादत थी।
उसूलों पे जहाँ आँच आये टकराना ज़रूरी है,
जो ज़िन्दा हों तो फिर ज़िन्दा नज़र आना ज़रूरी है,
मेरे होंठों पे अपनी प्यास रख दो और फिर सोचो,
कि इस के बाद भी दुनिया में कुछ पाना ज़रूरी है?
आधी रात को सपना आ जाता है
फिर सोना मुश्किल हो जाता है
खुदा की कसम यारो मैंने प्यार नहीं किया
ये प्यार तो अपने आप ही हो जाता है…
एक तमना थी जो अब हसरत बन गई,
कभी दोस्ती थी अब मोहब्बत बन गई,
कुछ इस तरह शामिल हुए तुम ज़िंदगी में के…
तुम को सोचते रहना मेरी आदत बन गई।
तेरी खुशी से नही गम से भी रिश्ता है मेरा,
तू ज़िंदगी का एक अनमोल हिस्सा है मेरा,
मेरी मोहब्बत सिर्फ़ लफ़ज़ो की मोहताज़ नही,
तेरी रूह से रूह का रिश्ता है मेरा |
तेरे साये को दिल मे दबाये चलते हैं,
तेरी याद को दिल मे छिपाए चलते हैं,
जिस दिन उससे मुलाकात न हो,
उस दिन सांसो के गुल मुरझाये चलते हैं।
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